Sunday, 15 November 2015

Lesson 31 - Either/Or

Hello everyone, today we talk about Either/Or Form.



अध्याय ३१
या

या (अथवा के अर्थ में)

“या तो वो अच्छा है या अनजान” - इसमें ‘या’ के साथ वाले दो वाक्यों को बनाते हैं और फिर हिन्दी की तरह ‘या’ से जोड़ देते हैं ।
(वो) अच्छा है - ख़ूब अस्त ।
अनजान - नादान ।
तो पूरा अनुवाद हुआ - उ या ख़ूब अस्त या नादान । او یا خوب است یا نادان

इसी प्रकार:
मैं या तो मोटा हूँ या ठिगना - मन या चाक़ हस्तम या कदे कोताहمن یا چثق ام یا قدِکوتاه

..और .. भी

वो दुखी भी है और ग़ुस्सा भी - हम ग़मगीन अस्त हम असेबानी

(इसके पहले के अध्यायों में आप ‘हम’ के प्रयोग देख चुके होंगे, उसको एक बार फिर देख लें)

ना केवल, .. बल्कि..

वो ना केवल मोटा है बल्कि ठिगना भी - ना तन्हा चाक अस्त, बल्के कदे कोताह हम अस्त


अभ्यास


इनको फ़ारसी में तरजुमा करें -
कोई कितना भी बुरा हो - कसे चन्द हम बद शवद

इन वाक्यों को देखें -
نامت چیست و مکان تو کجا است؟ چرا آمده ای؟ امروذ کجا رفته بودی؟ شاید برای باذی کردن رفته بودی؟ امروذ خطا تو بخشیدم. اکنون ترا معف  کردم. امروز چه نوشتی. امروز اندرون باغ رفته بودی؟ نه صاحب. امروذ تا درِ بوستان نه رفته ام. چرا آمدهید؟

तुम्हारा नाम क्या है और तुम्हारा मकान कहाँ है ? किस लिए आए हो ? आज कहाँ गए थे । शायद खेलने गए थे ?  आज तुम्हारी ग़लती बख़्शता हूँ । अभी तुमको माफ़ किया । आज क्या लिखा ? आज बाग़ के अन्दर गए थे ?  नहीं साहब, आज बाग़ के दर तक नहीं गया हूँ । किसलिए आए?

अगली बार तक के लिए रूज़-ब-खैर!

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