Monday, 17 August 2015

Lesson 22 - Simple past tense

Hello all,

I think I should have started this earlier, nevertheless, "der aayad; durust aayad".

Enjoy!

अध्याय - २२
भूतकाल (सामान्य भूत)


माज़ी मुतलक़ - ماضی مُطلق


मैं, अध्याय २ में लिखे गए सबसे आरंभिक शब्दों का उल्लेख फिर कर रहा हूँ -


मन - मैं । तू - तू । उ  - वो ।
आमदन - आना । रफ़्तन - जाना । गुफ़्तन - बोलना । करदन - करना ।


भूत काल के वाक्य जैसे, मैं आया, वो गया बनाने के लिए दो चरण होते हैं -
  1. क्रिया (मसदर) से आख़िर का ‘न’ हटाइये, ( गुफ़्तन  -> गुफ़्त) और
  2. निम्न तालिका के हिसाब से प्रत्यय जोड़िये -


पुरुष
प्रत्यय
बहुवचन (जमा)
प्रत्यय
मैं
म् - م
हम
एम - یم
तुम
ी - ی
आप
एद - ید
वो
-
वे लोग
अन्द - اند
बहुवचन के प्रत्यय बाद में पढ़े तो आसानी होगी ।


इस तरह, 
"मैं आया" - मन् आमदम  (सिर्फ़ आमदम कहने से भी पर्याप्त होगा और बोलचाल में ऐसा ही इस्तेमाल होता है) ।
वो आया - (उ) आमद - آمد
तू आया - (तू) आमदी - آمدی
तू बोला - (तू) गुफ़्त - گُفت
मैं गया - (मन्) रफ़्तम - رفتم


निषेधात्मक वाक्य इस प्रकार बनते हैं -
  • मैं नहीं गया - मन न रफ़्तम من ن رفتم
  • मैं नहीं समझा - (मन) न फ़हमीदम ن فهمیدم
  • वो नहीं बोला - (उ) न गुफ़्त ن گوفت
यहाँ के प्रयोग पर ग़ौर करें । इसे उच्चारण में नः और नेः भी कह सकते हैं ।


अभ्यास

मैं कहाँ आ गया - (मन) कुजा आमदम?
मैने उसको नहीं देखा - उरा न दीदम.
क्या तुमने उसे देखा - अया तू उरा दीदी
नहीं, कहीं नहीं देखा - नः, कुजे न दीदम


निज़ामी गंजवी की ग़ज़ल
ما را به غمزه کشت و قذا را بحانا ساخت
خُد سوِ ما ندید و حیا را بحانا ساخت


मॉ रॉ बः ग़मज़ा कुश्तो क़ज़ा रॉ बहाना साख़्त ।
ख़ुद सूए मा न दीद, व हया रॉ बहाना साख़्त ।
(मॉ रॉ - मुझ को । ग़मज़ा - आँख मारना, साख़्तन - बनाना । सूए मा - मेरी तरफ़ । )


मुझको आँख मार कर ख़त्म किया और क़िस्मत का बहाना बनाया । ख़ुद मेरी तरफ़ नहीं देखा और हया (शर्म) का बहाना बनाया ।


इक़बाल बानो की गायी इस ग़ज़ल ( १२वीं सदी में लिखी)  को पूरा सुनने के लिए यूट्यूबपर जाएँ - https://www.youtube.com/watch?v=nxzCgxxz3wo

Saturday, 15 August 2015

Lesson 21 - Ham (Also, like and this one)

Hello,
I now feel that it's enough with theory and familiarization of the language. Now, it's time for some practical structures and sentences. Starting this week, I shall start adding some simple She'rs of Farsi for you. This word 'ham' is one such word of practical importance! Here we go!

अध्याय - २१
हम - शब्द


इस टेबल में दिए गए शब्दों को देखें -


हिन्दी
फ़ारसी
हिन्दी
फ़ारसी
भी
हम - حم
सब
हमेः - حمه
यही (च)
हमीं - حمین
वही
हमाँ - حمان
आपस में
बाहम - باحم



हम का इस्तेमाल “साथ”, “और”, तथा “भी” के लिए इस प्रकार भी होता है -  ..और .. भी


वो दुखी भी है और ग़ुस्सा भी - हम ग़मगीन अस्त हम असेबानीاو هم غمغین است هم یسیبانی


इसी प्रकार


हमसफ़र - सफ़र में साथ
हमशक्ल - शक्ल में समान
हमवतन - वतन में साथ


अधिक प्रयोगों के लिए अध्याय  31 भी देखें ।


हमीं के उदाहरण


इसी जगह - हमें जा (हमींजा)
यही आदमी - हमें मर्द


अमीर ख़ुसरो का लिखा एक बहुत प्रसिद्ध शेर


کر فِردوس بر روِ جمین است
همین است،همین است،همین است

गर फ़िरदौस, बर रू-ए-ज़मीं अस्त ।
हमीं अस्त, हमीं अस्त, हमीं अस्त ।


रू-ए-ज़मीन - धरती का चेहरा  (यानि धरती) । बर रूए ज़मीन - ज़मीन पर ।
अगर इस धरती पर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है -३ ।

कुछ और शब्द (जानवरों के नाम) -

हिन्दी
फ़ारसी
हिन्दी
फ़ारसी
ऊँट
शुतुर - شتر
उल्लू
चग़द - چغد
हाथी
फ़ील - فیل
चील
ज़गन - زگن
हिरण
आहू - آهو
भेड़िया
गर्ग - گرگ
बकरी
गुस्पन्द, गुस्फ़ंद - گوسفند
केकड़ा
सरतान - سرتان
बन्दर
बुज़ीना - بوزینا
मक्खी
मगस - مگس
कव्वा
ज़ाग़ - زاغ
चींटी
मोर - مور
मोर
तावुस - تاوس
सांप
मार - مار

अभ्यास



इसी जगह - हमीं जा
यही बात - हमीं सुख़न

उसी दिन - हमीं रूज़ (हमां रूज़)

Thursday, 6 August 2015

Lesson 20 - Adjectives

Hello,

Now we get to know about adoring things. The decoration of a noun is done by use of an adjective, or multiple adjectives. You must have seen use of -e- in Urdu, like khak-e-watan. Persian adjectives are very similar.

अध्याय-२०
सिफ़त

सिफ़त यानि विशेषता के शब्द को हिन्दी में विशेषण कहते हैं  । जैसे काला, पीला, अच्छा, छोटा, बड़ा इत्यादि ।

ऊँची टेबल - मीज़-ए-बुलन्द - میزِ بلند
काली शर्ट - कमीज़-ए-सियाह - کمیزِ سیاه

कुछ और प्रयुक्त विशेषण इस प्रकार हैं -


हिन्दी
फ़ारसी
हिन्दी
फ़ारसी
नया
नो - نو
पुराना
कुहनः - کُهنه
अंधेरा
तारीक - تاریک
उजाला
रोशन - روشن
थोड़ा
अंदुक - اندوک
बहुत
बिसियार - بیسیار
लंबा
दराज़ - دراز
छोटा
कोताह - کوتاه
अच्छा
खू़ब - خوب
बुरा
बद - بد
कम
कम - کم
छोटा
ख़र्द - خرد


उदाहरण

अच्छा ख़त - ख़ते ख़ूब ختِ خوب
ऊँचा पेड़ - दरख़्त-ए बोलंद درخیتِ بولند
लाल फूल अच्छा है - गुल-ए-सुर्ख़ ख़ूब अस्त گُلِ سُرخ خوب است
वो आदमी बहुत बुरा है - आं मर्द ख़ीले बद अस्त । آن مرد خیلی بد است
वो बुरा आदमी - आं मर्दे बद । آن مردِ بد
आज रात अंधेरी है- इमशब तरीक अस्त । اِمشب تاریک است
आज उजाला है - इमरुज़ रोशन अस्त । اِمروز روشن است

सिफ़त जिसपर लगती है उसे मौसूफ़ कहते हैं । जैसे ख़ते ख़ूब में ख़ूब सिफ़त है और ख़त मौसूफ़ ।


सिफ़त यानि विशेषण तीन प्रकार ही होती है - उदाहरण देखें

कम, कमतर और कमतरीन । इसी प्रकार,
ताज़ा, ताज़ातर और ताज़ातरीन । यानि ताज़ा, तुलना में ताज़ा और सबसे ताज़ा ।

ख़र्द - ख़र्दतर और ख़र्दतरीन । (छोटा, उससे छोटा और सबसे छोटा)
ब़ुज़ुर्ग-बुज़ुर्गतर-बुज़ुर्गतरीन (बड़ा, उससे बड़ा और सबसे बड़ा) ।

अभ्यास - वाक्य बनाना
मैं तुमसे ऊंचा हूं - इसमें तुलना में ऊँचा कहा गया है, अतः ‘से ऊँचा’  - बोलन्दतर
मन बोलन्दतर अज़ तू अम
आज कल से गरम है - इमरूज़ गरमतर अज़ दीरूज़ अस्त
वो सबसे गोरा है - आं सफ़ेदतरीन अस्त । (या आं अज़ हमेः सफ़ीद अस्त) अगला अध्याय देखें ।

Keep practicing the letters!