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अध्याय-१९
दारद
पिछले अध्याय में लिखे दाश्तन की तर्ज पर एक और मसदर दिया जा रहा है, जिसका अर्थ बहुत हद तक दाश्तन के समान है । लेकिन अन्तर नीचे बताया गया है ।
होता है - दारद
दाश्त के दिए नियम को दार पर लगाने से भी सेग़े बनते हैं । दारम वस्तुतः दाश्तम का ही वर्तमान काल है । दाश्त भूत काल है । लेकिन चूँकि दारम वर्तमान काल का है, सेग़े बनाने के लिए नियम कुछ बदले हुए हैं । ये इस प्रकार हैं -
पुरुष
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प्रत्यय
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बहुवचन (जमा)
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प्रत्यय
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मैं
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म् - م
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हम
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एम - یم
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तुम
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ी - ی
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आप
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एद - ید
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वो
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द - د
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वे लोग
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अन्द - اند
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तृतीय पुरुष में हुई तब्दीली पर ग़ौर कीजिये । उदाहरण नीचे है -
वो यहाँ रहता है (होता है) - उ इंजा दारद । او این جا دارد
तेरे पास एक कलम है - तु यक कलम दारी । تو یک کلم داری
उसके पार अक़्ल नहीं (रहता) है - उ रॉ अक़्ल नदारद । او را عقل ندارد
कुछ और क्रिया
हिन्दी
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फ़ारसी
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हिन्दी
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फ़ारसी
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पसंद करना
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पसंदीदन
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हंसना
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ख़ंदीदन
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सोना
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ख़ाबीदन
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सपना देखना
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ख़ाब करदन
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ज़बान पर लाना
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बर लफ़्ज़ गेरफ़तन
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निकालना
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बरामदन
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तारीफ़ करना
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सतुदन
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निकाल लेना
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बरावुर्दन
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दिनों के नाम
शुक्रवार - जुम्मा جمّع
दिन
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फ़ारसी
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दिन
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फ़ारसी
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शनिवार
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शंबे - شمبی
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रविवार
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- यकशंबे - یک شمبی
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सोमवार
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दो शंबे - دو شمبی
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मंगलवार
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सेः शंबे - سی شمبی
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बुधवार
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चहार शंबे - چحار شمبی
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गुरुवार
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- पंज शंबे - شمبی
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अभ्यास
उसको शुक्रवार पसंद है - आं रा जुम्मेः पसंदीदः अस्त
मुझे नापसंद है - मरा नपंसदीदः
ख़बरदार, असरदार इत्यादि के शब्दार्थ क्या होंगे ?
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