Tuesday, 4 August 2015

Lesson 19 - Daarad



Hello,

अध्याय-१९
दारद


पिछले अध्याय में लिखे दाश्तन की तर्ज पर एक और मसदर दिया जा रहा है, जिसका अर्थ बहुत हद तक दाश्तन के समान है । लेकिन अन्तर नीचे बताया गया है ।


होता है - दारद


दाश्त के दिए नियम को दार पर लगाने से भी  सेग़े बनते हैं । दारम वस्तुतः दाश्तम का ही वर्तमान काल है । दाश्त भूत काल है । लेकिन चूँकि दारम वर्तमान काल का है, सेग़े बनाने के लिए नियम कुछ बदले हुए हैं । ये इस प्रकार हैं -

पुरुष
प्रत्यय
बहुवचन (जमा)
प्रत्यय
मैं
म् - م
हम
एम - یم
तुम
ी - ی
आप
एद - ید
वो
द - د
वे लोग
अन्द - اند


तृतीय पुरुष में हुई तब्दीली पर ग़ौर कीजिये । उदाहरण नीचे है -

वो यहाँ रहता है (होता है) - उ इंजा दारद । او این جا دارد
तेरे पास एक कलम है - तु यक कलम दारी । تو یک کلم داری
उसके पार अक़्ल नहीं (रहता) है - उ रॉ अक़्ल नदारद । او را عقل ندارد

कुछ और क्रिया


हिन्दी
फ़ारसी
हिन्दी
फ़ारसी
पसंद करना
पसंदीदन
हंसना
ख़ंदीदन
सोना
ख़ाबीदन
सपना देखना
ख़ाब करदन
ज़बान पर लाना
बर लफ़्ज़ गेरफ़तन
निकालना
बरामदन
तारीफ़ करना
सतुदन
निकाल लेना
बरावुर्दन


दिनों के नाम



शुक्रवार - जुम्मा جمّع


दिन
फ़ारसी
दिन
फ़ारसी
शनिवार
शंबे -  شمبی
रविवार
- यकशंबे - یک شمبی
सोमवार
दो शंबे - دو شمبی
मंगलवार
सेः शंबे - سی شمبی
बुधवार
चहार शंबे - چحار شمبی
गुरुवार
- पंज शंबे -  شمبی

अभ्यास


उसको शुक्रवार पसंद है - आं रा जुम्मेः पसंदीदः अस्त
मुझे नापसंद है - मरा नपंसदीदः

ख़बरदार, असरदार इत्यादि के शब्दार्थ क्या होंगे ?

No comments:

Post a Comment