Hello,
We have a topic of having/keeping something. Word for that is - Dashtan. This is important for young people as you may use the same verb for "having a feeling" like love, for someone! Here we go!
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अध्याय-१८
दाश्तन - रखना
इस अध्याय में हम रखा है जैसे वाक्य सीखेंगे
यहाँ (रखा) है - ईंजा दाश्त । اینجا داشت
मैं रखा हूं - दाश्तम । داشتم
तू रखा है - दाश्ती । داشتی
वो रखा है - दाश्त । داشت
वो याद रखा है - उ याद दाश्त । او یاد داشت
इस तरह आप ग़ौर कीजिये कि व्यक्ति के आधार पर मसदर का अन्त बदलता है । इसमें मसदर के आख़िरी न को निकाल कर - एक नियम के तहत ऐसा बनाया जा सकता है जिससे कि ऐसे सभी मामलों में एक विशेष प्रकार के प्रत्यय लगेंगे । नीचे दी सारणी इसी नियम के लिए है -
पुरुष
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प्रत्यय
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बहुवचन (जमा)
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प्रत्यय
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मैं
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म् - م
|
हम
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एम - یم
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तुम
|
ी - ی
|
आप
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एद - ید
|
वो
|
-
|
वे लोग
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अन्द - اند
|
वे क़लम रखते हैं - आंहा क़लम दाश्तंद ।
आप दिल रखते हैं - शुमा दिल दाश्तेद ।
हम उम्मीद रखते हैं - मा उम्मीद दाश्तेम ।
ये दी गई सारणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आगे के अध्यायों में जब काल पढ़ाए जाएंगे तो कई बार इसी (या ऐसी ही) सारणी का इस्तेमाल होगा । इसी तर्ज पर कुछ और बहुत अधिक प्रयोग में आने वाले मसदर नीचे दिये गए हैं ।
शुदन - हो चुकना या कर चुकना
उसकी शादी हो गई है - आं शादी शुदः अस्त । آن شادی شده است
मेरी नौकरी हो गई (लग गई) है - मन रुज़गार शुदःम । من روزگار ش،ده ام
उसका तलाक़ हो गया है - आं तलाकशुदः अस्त ।
हिन्दी बोलचाल में हम शादीशुदा, नौकरीशुदा, तलाकशुदा इत्यादि शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जिनका मूल यही है ।
अभ्यास
फ़ारसी से प्रेरित उर्दू की शाइरी में ओ (और) और ए (का) के एक साथ इस्तेमाल कई उद्धरण मिलते हैं
चश्मे नम - भीगी आँख
निशाते वस्ल हलाल व अजाबे हिज्र हराम - मिलन की खुशी उचित (हलाल) और विरह का दुःख अनुचित (हराम) ।
सफ़ीना ए बर्गो गुल - फूल-पत्तों की नाव (सफ़ीना) ।
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