Monday, 3 August 2015

Lesson 18 - Have, Become

Hello,

We have a topic of having/keeping something. Word for that is - Dashtan. This is important for young people as you may use the same verb for "having a feeling" like love, for someone! Here we go!


अध्याय-१८
दाश्तन - रखना

इस अध्याय में हम रखा है जैसे वाक्य सीखेंगे

यहाँ (रखा) है - ईंजा दाश्त । اینجا داشت

मैं रखा हूं - दाश्तम । داشتم
तू रखा है - दाश्ती । داشتی
वो रखा है - दाश्त । داشت
वो याद रखा है - उ याद दाश्त । او یاد داشت

इस तरह आप ग़ौर कीजिये कि व्यक्ति के आधार पर मसदर का अन्त बदलता है । इसमें मसदर के आख़िरी न को निकाल कर  -  एक नियम के तहत ऐसा बनाया जा सकता है जिससे कि ऐसे सभी मामलों में एक विशेष प्रकार के प्रत्यय लगेंगे । नीचे दी सारणी इसी नियम के लिए है -

पुरुष
प्रत्यय
बहुवचन (जमा)
प्रत्यय
मैं
म् - م
हम
एम - یم
तुम
ी - ی
आप
एद - ید
वो
-
वे लोग
अन्द - اند

वे क़लम रखते हैं - आंहा क़लम दाश्तंद ।
आप दिल रखते हैं - शुमा दिल दाश्तेद ।
हम उम्मीद रखते हैं - मा उम्मीद दाश्तेम ।


ये दी गई सारणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आगे के अध्यायों में जब काल पढ़ाए जाएंगे तो कई बार इसी (या ऐसी ही) सारणी का इस्तेमाल होगा । इसी तर्ज पर कुछ और बहुत अधिक प्रयोग में आने वाले मसदर नीचे दिये गए हैं ।

शुदन - हो चुकना या कर चुकना

उसकी शादी हो गई है - आं शादी शुदः अस्त । آن شادی شده است
मेरी नौकरी हो गई (लग गई) है - मन रुज़गार शुदःम । من روزگار ش،ده ام
उसका तलाक़ हो गया है - आं तलाकशुदः अस्त ।

हिन्दी बोलचाल में हम शादीशुदा, नौकरीशुदा, तलाकशुदा इत्यादि शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जिनका मूल यही है ।



अभ्यास

फ़ारसी से प्रेरित उर्दू की शाइरी में ओ (और) और ए (का) के एक साथ इस्तेमाल कई उद्धरण मिलते हैं

चश्मे नम - भीगी आँख
निशाते वस्ल हलाल व अजाबे हिज्र हराम - मिलन की खुशी उचित (हलाल) और विरह का दुःख अनुचित (हराम) ।
सफ़ीना ए बर्गो गुल - फूल-पत्तों की नाव (सफ़ीना) ।

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