This chapter starts some words useful in spoken Persian. A bit more detail and application of this and that. Don't forget to follow the video link at the end of the tutorial!
अध्याय - १४
ईन और आं के प्रयोग
जैसा कि मालूम होगा, ईं का अर्थ ये (नज़दीक या पहचान की चीज़) और आं का अर्थ वो (दूर और अजनबी) होता है । इसके अलावे विभक्तियों के बारे में भी आपको पता होगा । यहाँ हम उन दोनों के मेल से बने शब्दों पर ध्यान देंगे जो आम तौर पर बहुत इस्तेमाल होते हैं -
जैसा के रॉ के प्रयोग । अध्याय से आपको पता होगा कि केताबरॉ - किताब को । इसी प्रकार
इसको - ईंरॉ । این را
उसको - आंरॉ । آن را
यहाँ उस के लिए उ का प्रयोग करने से उरॉ او را भी बन सकता है, और यह भी इस्तेमाल में आता है ।
चूँ या चून का अर्थ जैसा होता है ।
उसके जैसा - चूनान چونان
इसके जैसा - चूनिन چونین
कुछ और प्रयोग -
दर - में
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अज़ - से
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जा- जगह
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इसमें
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उसमें
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इससे
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उससे
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इस जगह
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उस जगह
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दरईं - درین
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दरां - دران
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अज़ीं - ازین
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अज़ां - ازان
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ईंजा - اینجا
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आंजा - آنجا
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अनुस्वार के उच्चारण के लिए समान्य लेखन में नून-ग़ुन्नः इस्तेमाल होता है, लेकिन यहाँ टंकण की परम्परा के अनुसार नून का इस्तेमाल किया गया है ।
अभ्यास
ज़िन (अज़ इन - از این) का अर्थ ?
इसका अर्थ हुआ - 'इस से'
इससे पहले कि आप ये पाठ बंद करें, मैं आपको सलाह दूंगा कि कुछ बोलचाल की फ़ारसी पढ़ लें । कम से कम अक्षर और स्वर । शुरुआत के लिए रुमी की इस ग़ज़ल को सुनिये जो बहुत छंदमय है । अगर आपको कुष समझ में आए तो ज़रूर लिखिएगा ।
https://www.youtube.com/watch?v=xoITmyhdQhc
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