Hello!
अक्सर आपने शायरी में 'ए' का प्रयोग देखा होगा । शाम-ए-ग़म, सुबह-ए-नाशाद, रोज़-ए-नाकाम, ग़म-ए-दिल । आप इसका अर्थ 'का' से समझते होंगे । यानि ग़म की शाम, नाख़ुशी की सुबह वग़ैरह... । लेकिन इसमें हमेशा एक विशेषण लगा रहता है - ए के बाद । अगर ए (या ई) के बाद कोई विशेषण न हो, तो? आइये जाने !
अध्याय - १२
ए का प्रयोग
शब्दों के भाव बदलने के लिए इन शब्दों पर ध्यान दें -
वक़्त - गाह گاه
किसी वक़्त - गाहे - گاهی ( फ़ारसी उच्चारण में इसे गाहे पढ़ेंगे, जबकि उर्दू में इसे, लिखावट के हिसाब से गाही भी पढ़ सकते हैं)
जिस वक़्त - हर गाह - هر گاه
अचानक (बिना वक़्त के रहते) - नागाह - ناگاه
बेवक़्त - बीगाह - بیگاه
अक्सर हिन्दी-ऊर्दू में इस्तेमाल ‘गाहे-बगाहे’ का मतलब होता है- वक़्त बेवक़्त । यानि हर किसी समय ।
तुमको किसी वक़्त नहीं देखा - तुरा गाहे न दीदम । ترا گاهی ن دیدم
उपर आपने देखा कि गाह में ए लगाने से इसका अर्थ सामान्य या उभय हो गया । गाह का अर्थ वक़्त होता है, लेकिन गाहे का अर्थ सामान्यतया कोई भी वक़्त हो गया । ये और साफ़ हो जाएगा अगर आप इस अंतरण का एक और उदाहरण देखें -
कस - कोई
कसे - कोई भी
चीज़े - कोई चीज़
दीगरे - कोई दूसरा
दमे - एक दम
हर के - जो कोई के
अभ्यास
कोई आदमी - مردی
किसी दिन - रुज़े - روزی
समय के लिए
समय
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वक़्त - وقت
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Second - सेकण्ड
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सानयः - سانیه
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Minute - मिनट
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दक़ीकः - دقیقه
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Hour - घंटा
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साअत - ساعت
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क्षण
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लहज़ः - (लहजा) لحظه
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I hope, you are also pursuing some other reading material to practice along with these lessons. If not start doing it now!
Cheers!
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ReplyDeleteThank you Nehal! You have been very kind. Let me know if you have any special interest, like meters of poetry etc. I'd like to add such emphasis in future. I saw your blog and liked your effort as well. Especially the multilingual part of it. Honestly, I don't understand Gujarati but liked the effort you have been putting.
ReplyDeleteशुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया अमित सर..
ReplyDeleteशुक्रिया । पढ़ते रहिये, जानते रहिये ।
DeleteThis is very helpful for me sir
ReplyDeleteThankyou