Hello,
It's time for Plurals! Very easy for Persian nouns. A bit difficult for Arabic words. Without further ado ...
अध्याय - १५
बहुवचन
जमा - جمع
एक वचन को फ़ारसी में वाहिद कहते हैं । अरबी गिनती में एक को वह्द पड़ते हैं , वाहिद वहीं से आया है । इस्लाम के सबसे बड़ी मान्यताओं में से एक -ईश्वर के एकत्व - के नाम में इस मूल का शब्द बहुत इस्तेमाल होता है ।
बहुवचन बनाने के लिए, सामान्यतया, शब्दों के अन्त में आं آن लगाते हैं या हा ها लगाते हैं । इसके सबसे आसान उदाहरण के लिए हम यह (ईँ) शब्द से शुरुआत करेंगे ।
यह - ईं (यानि नज़दीक की चीज़)।
ये सब - ईनां/ ईंहा ।
वो - आं (यानि दूर की चीज़)
वो सब - आनां/आंहा ।
लेकिन इसके आलावे जिन नियमों का ध्यान रखना पड़ता है, वे नियम इस प्रकार हैं -
- अगर किसी शब्द का आख़िरी अक्षर अलिफ़ या वाव-ए-साकन हो तो इसके बहुवचन (जमा) के लिए शब्द के अन्त में यान लगाते हैं । जैसे परीरू - परीरूयान बन जाता है । परीरू का मतलब परियों के जैसे रुख़ वाली, यानि ख़ूबसूरत होता है ।
- अगर किसी सजीव के आख़िर में ह है तो इसे गान ( گان) से बदला जाता है । जैसे बच्चः - बच्चेगान (بچه - بچًگان) । बंदः - बंदेगान । ख़्वाजे - ख़्वाजेगान ।
- अगर किसी निर्जीव वस्तु के आख़िर में ह आता हो और उसका जमा बनाना हो तो इस ह को हा बनाया जाता है । जैसे ख़ानः - ख़ानहा (خانه - خانها) ।
कुछ उदाहरण
हिन्दी
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दरख़्त (पेड़)
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बन्दा
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साल
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सग (कुत्ता)
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मर्द
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कार (काम)
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गुल
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एकवचन
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درخت
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بنده
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سال
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سگ
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مرد
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کار
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گول
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बहुवचन
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درختان
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بندگان
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سالها
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سگان
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مردان
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کارها
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گولها
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अरबी में
अरबी में बहुवचन के अलावे द्विवचन भी होता है, संस्कृत की तरह । लेकिन फ़ारसी में अरबी शब्दों के सिर्फ़ बहुवचन ही इस्तेमाल किए जाते हैं । इसका नियम बताना मुश्किल है लेकिन उदाहरण यहाँ देखें -
- तिफ़्ल - अतफ़ाल (ग़ालिब का लिखा - ‘बाज़ीचा ए अत्फ़ाल है दुनिया मेरे आगे’ याद आया ?)
- आशिक़ - उश्शाक़
- मदरसा - मदारिस
- मस्जिद - मसाजिद
- तस्वीर - तसावीर
Keep Practicing! (फ़ारसी में - मुश्क़ मीकुनेद)
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